RBI MPC

RBI MPC बैठक में बड़ा फैसला

RBI MPC (Monetary Policy Committee) बैठक में रेपो रेट में लगातार इस साल भी किसी प्रकार कोई बदलाव नहीं किया, पांच सालों से ब्याज दर 6.50% पर स्थिर है। RBI ने रेपो रेट में भले ही बदलाव नहीं किया परंतु यूपीआई ट्रांजेक्शन को लेकर RBI ने बड़ा बदलाव किया है। विशेष क्षेत्रों में यूपीआई लेनदेन की उच्च सीमाओं को 1 लाख से 5 लाख रुपये तक बढ़ा दिया गया है। बीमा प्रीमियम, म्यूचुअल फंड SIP, और क्रेडिट कार्ड के भुगतान के लिए ग्राहकों के प्रतिदिन लेनदेन की सीमा पहले जैसी ही रहेगी ।

डिजिटल इंडिया के मुहीम के चलते देश में अब यूपीआई ट्रांजेक्शन में दिन-प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है, जिसे देखते हुए 8 दिसंबर को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ट्रांजेक्शन लिमिट की घोषणा करते हुए एक बड़ी राहत दी है। आरबीआई ने कहा, ग्राहकों को 1 लाख रुपये तक के डेबिट लेनदेन पर ओटीपी के माध्यम से प्रमाणित करने की आवश्यकता नहीं होगी। जल्द ही, आरबीआई इस प्रकार के लेनदेन के लिए एक संशोधित निर्देश पत्र जारी करेगा।

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हॉस्पिटल और शैक्षिक बिलों के भुगतान के लिए बढ़ी लिमिट

RBI के निर्देशानुसार, UPI ट्रांजेक्शन के जरिए हॉस्पिटल और शैक्षिक संस्थानों को भुगतान करना अब पहले से अधिक सुविधाजनक हो जाएगा। हॉस्पिटल और शैक्षिक संस्थानों में होने वाली आमजन समस्याओं को देखते हुए आरबीआई ने मौजूदा लेनदेन लिमिट को 1 लाख रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रतिदिन कर दी है। UPI के जरिए अब आप इन स्थानों पर 5 लाख रुपये तक का भुगतान हॉस्पिटल के बिल जमा करने या स्कूल/कॉलेज की फीस जमा करने में कर पाएंगे। 

वर्ल्डलाइन इंडिया के सीईओ रमेश नरसिम्हन ने कहा, “बढ़ी हुई लिमिट का उपयोग केवल यूपीआई ट्रांजेक्शन की ही अनुमति देगा, जिससे इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अधिक भुगतान की सुविधा आसान हो सके।”

वर्तमान में, विशेष क्षेत्रों को छोड़कर UPI ट्रांजेक्शन की सीमा 1 लाख रुपये प्रतिदिन है। बीमा प्रीमियम, म्यूचुअल फंड SIP, और क्रेडिट कार्ड के भुगतान से संबंधित लेनदेन श्रेणियों के लिए UPI ट्रांजेक्शन प्रतिदिन 2 लाख रुपये तक का हैं। केवल आरबीआई के सरकारी बॉन्ड-खरीद मंच है और शेयर मार्केट में आईपीओ की सदस्यता के लिए भुगतान की लेनदेन सीमा 5 लाख रुपये से अधिक निर्धारित है।

आरबीआई गवर्नर ने उपभोक्ताओं के सकारात्मक बदलाव के रूप में, ट्रांजेक्शन लिमिट में वृद्धि की भी घोषणा की जो कुछ महत्वपूर्ण ऑनलाइन लेनदेन में ई-जनादेश (e-mandates) के लिए प्रमाणीकरण या OTP सत्यापन के अलावा भी अन्य कारकों पर निर्भर होती है। ट्रांजेक्शन सेफ्टी के लिहाज से ओटीपी सत्यापन एक महत्वपूर्ण भुगतान सुरक्षा उपाय के रूप में कार्य करता है।

ग्राहकों को खुश करते हुए RBI ने  UPI ट्रांजेक्शन में प्रतिदिन के लिमिट में वृद्धि कर ग्राहकों को 1 लाख रुपये तक के महत्वपूर्ण भुगतान को मंजूरी देने के लिए अब किसी भी प्रकार के ओटीपी के लिए सतर्क रहने की परेशानी से जूझना नहीं पड़ेगा। 

खराब नेटवर्क से होगी परेशानी

RBI ने बताया उपभोक्ताओं को मोबाइल कनेक्टिविटी समस्या का सामना करने पर, ओटीपी दर्ज करने में विफलता मिल सकती है, जिससे महत्वपूर्ण भुगतान के मामले में एक बड़ी असुविधा हो सकती है। लिहाजा मोबाइल कनेक्टिविटी का धयान अवश्य रखें।

UPI ट्रांजेक्शन से जुड़ी ख़ास बात

एक ग्राहक के रूप में, जब आपके बैंक खाते से यह पैसा कट जाता है तो आपको सूचना मिल जाती है लेकिन आपसे कोई OTP सत्यापन नहीं मांगा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास अपने क्रेडिट कार्ड बिल के लिए अपने बैंक खाते से डेबिट करने के लिए एक स्थायी निर्देश है, तो वह आपसे बिना किसी OTP के आटोमेटिक रूप से पारित हो जाता है। हालाँकि, यह उन UPI ट्रांजेक्शन लेनदेन को प्रभावित नहीं करती है जो आप अपने बैंक के साथ स्थायी निर्देश के माध्यम से सेट करते हैं क्योंकि इसमें सीधे आपका बैंक खाता शामिल होता है, न कि आपका डेबिट कार्ड या उससे जुड़ा यूपीआई खाता।

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